( ’२०१९ की कविताएं’ में समाविष्ट)
भक्त दीनदयाल रोड पर मिलते हैं ।
भक्त बारामती होस्टलमें बसते हैं ।
भक्तोंका डेरा मातोश्री के दरबारमें है ।
भक्तोंका मेला कृष्णकुंज के द्वार पे है ।
भक्त कभी 'कापिताल' लिए घूमते हैं ।
भक्त साइकिल पे बैठा हाथी देखते हैं ।
भक्त ’समोसे में आलू’ रखते हैं ।
भक्त अन्योंको ’तृण’वत मानते हैं ।
भक्तोंके लिए नेता ही परमभगवान हैं ।
उसकी चरणोंमे ही उनका उत्थान है।
उसकी हर उक्ती अंतिम सत्य मानते हैं।
उसकी हर कृती आशीर्वाद मानते हैं ।
भक्तोंका भगवान गिर पडे,
तो उसे 'भूमाता-वंदन' कहते हैं।
सहसा वो वायुविजन करे,
तो मलय-गंध-युक्त मानते हैं ।
आए दिन भक्त मिलते हैं...
...भक्त अब ’२४ अकबर रोड’पर भी दिखने लगे हैं।
- परमभक्त रमताराम
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